5 Essential Elements For Shodashi
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
Shodashi’s mantra boosts devotion and faith, aiding devotees create a deeper connection on the divine. This reward instills have faith in within the divine course of action, guiding men and women by problems with grace, resilience, and a sense of intent within their spiritual journey.
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥
चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम click here श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।